“सबसे बड़ी त्रासदी बुरे व्यक्तियों का अत्याचार और दमन नहीं बल्कि इस पर अच्छे लोगों का मौन रहना है।”
यदि आयोग में अपने कार्यकाल के दौरान उसने कोई लाभ का सरकारी पद धारण कर लिया हो;
ग्रीष्मकालीन / शीतकालीन इंटर्नशिप कार्यक्रम
ऑल इंडिया टेस्ट सीरीज़ ऑल इंडिया टेस्ट सीरीज़ (यू.पी.एस.सी.)
मुख्य परीक्षा (वर्षवार) मुख्य परीक्षा (विषयानुसार) वीडियो सेक्शन मेन्स (जी.एस.) डिस्कशन
करेंट अफेयर्स डेली न्यूज़, एडिटोरियल और प्रिलिम्स फैक्ट
मानव अधिकारों का उल्लेख प्राचीन भारतीय ग्रंथों जैसे मनु स्मृति, हितोपदेश , पंचतंत्र तथा यूनानी दर्शन में भी मिलता हैं.
मानव अधिकारों से जुड़े गरीबी, भुखमरी, बेरोजगारी, कुपोषण, नशा, सुनियोजित अपराध, भ्रष्टाचार, विदेशी अतिक्रमण, शस्त्रों की तस्करी, आतंकवाद, असहिष्णुता, रंगभेद, धार्मिक कट्टरता आदि बुराइयों का योजनाबद्ध तरीके से निर्मूलन जरूरी है।
आयोग मानव अधिकारों के उल्लंघन की शिकायतों की जांच करते हुए निर्धारित समय के भीतर उन्हें केंद्र या राज्य सरकार या more info किसी अन्य प्राधिकारी या अधीनस्थ संगठन से जानकारी या रिपोर्ट के लिए कह सकता है। जानकारी या रिपोर्ट निर्धारित समय के भीतर प्राप्त नहीं है, तो आयोग अपने दम पर शिकायत की जांच करने के लिए आगे बढ़ सकता है।
श्री न्याय मूर्ति गोविन्द प्रसाद माथुर
गुलामी और दास प्रथा पर क़ानूनी रोक है। हालांकि यह अभी भी दुनिया के कुछ हिस्सों में इसका अवैध रूप से पालन किया जा रहा है।
शक्तिशाली लोग, सत्ता या समूह किसी के अधिकारों का हनन न करे. यदि ऐसा हो तो वह आयोग की शरण में जा सकता हैं.
भारतीय नागरिकों को निम्नलिखित मूल अधिकार प्राप्त हैं-
किसी भी देश के विकास के लिए उस देश में सामाजिक विकास आवश्यक होता है एवं सामाजिक विकास के लिए सामाजिक समस्याओं जैसे गरीबी, बेरोजगारी एवं सामाजिक बहिष्कार जैसी समस्याओं पर ध्यान देना जरूरी है।